बस ट्रेलर भिडंत में लोगो के जिंदा जलने और 12 के मरने की पुष्टि, अनेकों घायल।
मुकेश सोनी
बाड़मेर जिले के बालोतरा भांडियावास ग्राम के समीप बस व ट्रेलर की जब्बरदस्त भिडंत के दौरान बस व ट्रेलर में भयंकर आग लग गई. करीब 12 लोग जिंदा जल गए और अनेकों लोग घायल हो गए। इस दुर्घटना के दौरान समीपवर्ती ढाणियों से लोगो ने घटना स्थल पर पहुंच कर बैगर किसी देरी किए लोगो को बचाने की दिशा कार्य करना शुरू कर दिया। सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू करने का कार्य किया। जब तक बहुत देरी हो चुकी थी,और लोगो के जिंदा जलने की वारदात लोगो की आंखों के सामने घटित हो रही थी और बचाव के अधूरे उपाय लोगो को बचाने के लिए नाकामी साबित हो रह थी.
इस घटना में अनेकों लोग घायल हो गए। घायलों को राजकीय नाहटा अस्पताल में दाखिल कराया गया कुछ घायलों को गंभीर स्थिति को देखते हुए जोधपुर रेफर किया गया। उपखंड में हुई इस दिल दहलाने वाली घटना ने आमजन को झकझोर कर रख दिया। पूरा क्षेत्र सिहर गया। इस लापरवाही के लिए कोन होगा दोषी और क्या आए दिन द्रुतगति से बेलगाम दौड़ रहे इन वाहनों पर नियमों के तहत पालना क्यों नहीं करवाई जाती है और इस मार्ग पर आए दिन क्षमता से अधिक सवारियां भरकर चलने वाली बसों और उनका फिटनेस ,इंसोरेंस और गाड़ियों के हालात को क्यों नजर अंदाज किया जाता है। इस लापरवाही के चलते कितने परिवारों के घर में आज अंधेरा छा गया है और उनकी आंखो से बहती अश्रुधारा पर कोन लगाएगा महरम !और इस दुर्घटना से सबक लेकर इस लापरवाही के लिए जिनकी जिम्मेदारी है और उस लापरवाही के लिए उन्हें दंडित किया जाएगा या फिर वही नई बात नव दिन वाली कहावत चरितार्थ कर मामले की इतिश्री कर दी जाएगी।
आए दिन सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता रहता है किंतु इन दुर्घटनाओं के मामले में कभी गंभीरता से कोई कार्यवाही या अंजाम नही दिया जाता है। आखिर ऐसा क्यों यह बात हर आदमी के दिमाग और विचार में प्रकट होती है किंतु नतीजा सिफर। क्या सरकार मात्र राहत राशि की घोषणा कर उनके परिवार जनों के आंखो से बहने वाली आशूओ के सैलाब और उनके दुःख को इस राहत के महरम से कम कर पाएगी। या फिर उक्त मामले के दोषियों को दंडित किया जाएगा। अनेकों अनुत्तरित सवाल आम आदमी की जुबा पर चर्चित हो रही है। आज हालत यह है की जहा देखो वहा सिसकियां गूंज रही है।