आसींद: ईरांस विधालय भवन जर्जर घोषित फिर भी पढ़ाने को मजबूर है शिक्षक | भीलवाड़ा

ईरांस विधालय भवन जर्जर घोषित फिर भी पढ़ाने को मजबूर है शिक्षक 
आसींद भीलवाड़ा

सांवर मल शर्मा
दूसरी बार नए भवन के लिये स्वीकृति मिली 1.78 करोड़ फिर भी डीएमटी फेंड पर रोक के कारण नही हो पा रहा है भवन निर्माण ।
रायला क्षेत्र के आसीन्द हुरड़ा विधानसभा के ईरास ग्राम पंचायत की बात कर तो यहाँ का विद्यालय भवन  करीब 40 वर्ष पूर्व में निर्मित भवन का हालात खण्डर जैसा होता जा रहा है जो पुर भवन को जिला शिक्षा अधिकारी पदेन जिला परियोजना समन्वयक सम्रग शिक्षा अभियान भीलवाड़ा के द्वारा 27 अगस्त 2020 को जर्जर घोषित कर दिया गया है एवं संस्था प्रधान को निर्देशित किया कि विद्यालय में किसी भी प्रकार की शैक्षिक गतिविधियां नहीं करें कोई अनहोनी होती है तो संस्था प्रधान जिम्मेदार । जिसके बिगड़ते हालात  देखते हुए राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय के भवन जर्जर एंव कमरे की पट्टियां टूटने की आशंका को लेते हुए , जिसमें बीचो बीच तरडे आ चुकी है तथा छत टपकी रहती है इस तरह लगातार बारिश में बच्चों को कहा बिठाये ओर क्या कर तो विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बच्चों दो दो कक्षाएं साथ मे बिठाते है  तथा वही लगातार पट्टिका के टूटने कारण जर्जर भवन हादसा की आशंका बनी रहती हैं  । आसीन्द  उपखंड क्षेत्र के ईरास ग्राम पंचायत के विद्यालय में 12वीं तक उच्च माध्यमिक विद्यालय में करीब 493 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं  । विद्यालय भवन पूरा जर्जर अवस्था में बच्चों को बिठाने मुश्किल हो रहा है । विद्यालय भवन में बच्चों के बैठने के लिए जगह की कमी तथा कमरे छोटे है , विद्यालय में 11 कमरे मे 12 कक्षा कैसे बिठाये इस तरह बारिश के मौसम बच्चो को गीली जगह में बैठना पड़ता है । छोटे बच्चों को नीम की छांव में बिठाया जाता है। विधालय हालत खराब है जिस ओर प्रशासन कोई गंभीर कदम नही उठा रहा है।

आसीन्द उपखण्ड से 30 किमी दूरी पर स्थित है विद्यालय भवन तथा रायला थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे 79 से 3 किमी दूरी पर स्थित है , वही रायला से 2 किमी दूरी पर ईरांस विधालय की 23 बिगा जमीन है जहाँ पर पहले खेल मैदान होने से 90 लाख रूपये पास हुए पर निर्माण नही हो सका है , जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से खेल मैदान को विधालय भवन के नाम पर रूपांतर करवाया   गया है , जिसके बाद शिक्षा विभाग  के माध्यम से की ओर से 1.78 करोड़ रुपये का बजट अनुमोदित हुआ पर भवन निर्माण का इंतजार अभी बाकी  है ।

लगातार बारिश के बाद पट्टियों के दरार आ रही है पर हादसा कभी भी होने की आंशका है जिसकी सूचना शिक्षा विभाग को देन के बाद अगस्त 2020 में तो सरकार ने ही भवन जर्जर घोषित कर दिया गया है 

संस्थाप्रधान अलका रानी गुप्ता ने बताया कि जर्जर भवन  विगत 2 , 3 साल से है वही 8 कमरे है बच्चो को बढ़ने की कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था नही है जहाँ बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो रहा है।

गत वर्ष नए विधालय भवन के लिए 90 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे लेकिन भूमि खेल मैदान में होने के कारण स्वीकृति निरस्त हो गई उसके बाद नए सिरे से भवन निर्माण करवाने के लिए कलक्टर के पास भूमि रूपान्तर की फाइल भेज कर रूपांतरण करवा दिया है । उसके बाद नये बजट का अनुमोदन तो हो गया डीएमटी फंड से राशि जारी नहीं होने एवं प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से अभी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ ।

ओमप्रकाश आमेटा वरिष्ठ अध्यापक ने बताया कि उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन के अभाव में बहुत ही विचित्र स्थिति से गुजर रहा है अब दो वर्ष पूर्ण हो गए जर्जर हालत को विधालय की पट्टियां टूटी है व भवन क्षतिग्रस्त है विद्यार्थियों को बिठाना भय ही मुश्किल है 493 बच्चों का नामांकन है ओर पढ़ाई करना मजबूरी हो गया । प्रशासन अगस्त 20 में जर्जर घोषित कर दिया है ये मुद्दा विधानसभा में भी गुजा है पर कार्य प्रकिया जारी है ।

कक्षा 12 की छात्रा कोमल कुमावत ने बताया कि विधालय जर्जर है बैठने की समुचित व्यवस्था नही है और शौचालय ओर पानी की भी समुचित व्यवस्था नही है विधालय की पट्टियां टूटी हुई और पानी टपकता है जिसकारण पढ़ाई बाधित होती है ।

उदयराम रायका कक्षा 12 का छात्र ने बताया कि बारिश में छत टपकती है सर्दी में खुलने बैठना पड़ता है और पट्टियां टूटने का डर लगता है जिस कारण यहाँ पढ़ना मुश्किल हो रहा है

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