बेटी की जिन्दगी दांव पर दोनो किडनी खराब पैसे की कमी

देहरादून/सहसपुर
आशा रावत
 बेटी की जिन्दगी दांव पर दोनो किडनी खराब पैसे की कमी.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा सिर्फ एकजुमला बन कर रह गया है. इसका जीता जागता उदाहरण देहरादून के ब्लाक सहसपुर के गांव शुक्ला पुर मैं रहने वाली तनु नाम की यह लड़की 19 वर्ष की है जो कि एक गरीब परिवार से हैं. इस लड़की की करीब 2 साल से किडनी खराब है. इसके माता-पिता मेहनत मजदूरी कर  लड़की का इलाज करवा रहें हैं. मुख्यमंत्री द्वारा लड़की के लिए 1 लाख रुपये की सहायता दी गई वही हंस फाउंडेशन के द्वारा भी लड़की के इलाज के लिए पैसे दिए गए लेकिन सही तरीके से पैसा जमा ना होने के कारण लड़की का इलाज नहीं हो पा रहा है. हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड को लेकर भी पहुंचे तो आयुष्मान कार्ड पर भी इनका इलाज नहीं हो पाया है.
परिवार इतना गरीब है कि अपनी लड़की के इलाज के लिए अपने मकान तक को बेचने के लिए तैयार बैठे हैं. इस लड़की का इलाज सिर्फ रुपए कम रहने के कारण रुका हुआ है जिसके चलते वह जिंदगी और मौत से लड़ रही है.
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