Chittorgarh:- जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है, आइये रूबरू करवाते है ऐसे ही एक मामले से,
चित्तौड़गढ़ की गम्भीरी नदी ने भ्रष्ट आचरण रखने वाले नेताओं और अधिकारियों को मानों संदेश दिया है कि मेरी सीमा पर अतिक्रमण हटाने के लिए ना तो मुझे प्रशासन से अनुमति की जरूरत है और ना ही सूप्रीम कोर्ट में कन्टेम्प्ट टू कोर्ट लगाने की।
बीते दिनों लगातार हुई बारिश के चलते गम्भीरी बांध के चार बड़े और छः छोटे गेट खोलने पर मंगलवार सुबह अचानक चित्तौड़गढ़ की तरफ पानी की आवक बढ़ने से गम्भीरी नदी का जल स्तर बढ़ गया। जिससे रोडवेज बस स्टैंड वाली सड़क पुरानी पुलिया से पुलिस प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया तो वहीं शहर में नई पुलिया के नाम से पहचान रखने वाली महाराणा प्रताप सेतु मार्ग पुलिया की ऊंचाई एच एफ एल से लगभग पांच फीट अधिक होने से इस पर यातायात जारी रखा गया। जिससे शहर वासियों ने नई पुलिया पर पहुंच कर गम्भीरी नदी के उफान का जमकर लुप्त उठाया।
जब लोग गम्भीरी नदी का लुप्त उठा रहे थे तो कुछ लोगों ने गम्भीरी नदी के उत्तर दिशा में मोबाइल से विडियो बनानी चालू कर दी जिसमें गम्भीरी नदी के पानी के उफान ने एक निजी होटल दी ग्रांड चित्तौड़ एंड अल्फ्रेस्को के द्वारा नदी के तट पर अतिक्रमण कर बनाई गई दीवार को कागज के पत्तों के समान ढ़हा कर अपने में समा लिया। अचानक यह विडियो शहर सहित पूरे देश में वायरल हो रही है। वही लोग आपस में बातें करते दिखाई दिए कि रसूखदार होटल व्यवसाई ने भ्रष्ट नगरपरिषद् प्रशासन और नेताओं से सांठ गांठ कर, प्रकृति को इस तरह से बलपूर्वक बांधकर गम्भीरी नदी पर अतिक्रमण किया है। तभी तो प्रकृति ने इन भ्रष्ट इंसानी ताकतों और ऊंचे रसूखदारों को आज उनकी औकात बता डाली और मानों यह संदेश दिया हो कि यदि पंचतत्व जैसी महाशक्तियों में से एक कहलाने वाली नदी के बहाव को तुच्छ रसूखदारों ने अपनी भ्रष्टाचार से सनी ताकतों से बांधने की कोशिशें बंद नहीं की तो एक दिन इसकी सजा तुम्हारे साथ कहीं निर्दोष लोगों को भी बाढ़ के रूप में ना चुकानी पड़ जाए।
आपको बता दे कि रसूखदार होटल व्यवसाई सहित चित्तौड़गढ़ शहर में कई व्यवसायिक प्रतिष्ठान और कई निजी निवास स्थान के लिए पक्के भवनों को नदी और नालों पर अतिक्रमण करते हुए बना दिया गया है, जो कि सुप्रीम कोर्ट और नगरपरिषद् के नियमों की अवहेलना करने के अलावा भ्रष्टाचार में डूबे नगर परिषद् के कर्मचारियों और अधिकारियों की पोल खोल रही है। खैर आज गम्भीरी नदी जो कि चित्तौड़गढ़ शहर के लिए मां समान है ने शहरवासियों के लिए एक ऐसा न्याय कर दिखाया है जो भ्रष्टाचार के मूंह पर तमाचा तो है ही साथ ही नदी नालों पर अतिक्रमण करने वाले भ्रष्ट तंत्र को एक मूक चेतावनी भी है कि प्राकृतिक शक्तियों को तुम जैसे अतिक्रमियों और भ्रष्ट तंत्र को उखाड़ फेंकने के लिए किसी सुप्रीम कोर्ट में कन्टेम्प्ट टू कोर्ट लगाने की जरूरत नहीं है प्रकृति तो स्वयं भू न्यायाधिपति है जो जब चाहे जहां चाहे इन तुच्छ अहंकारी अमानवीय लोगों को सबक सीखा सकती है।
Reporter:- Durgesh Kumar Lakshkar