सांवलिया सेठ के कर्ज का ब्याज चुकाने आया हूं-कवि डॉ. कुमार विश्वास श्री सांवलिया सेठ के मेले में अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन का आयोजन


Chittorgarh:-चित्तौड़गढ़, ये एक तीर्थ है, जहां आने के लिए व्यक्ति प्रतीक्षा करता है। लेकिन हर बात की एक नियति होती हैए मैं 33 वर्षों से कवि सम्मेलन के मंच पर हूं। मैंने 2 सितम्बर, 1988 को पहला कवि सम्मेलन पढा था, उत्तरप्रदेश के हापुड़ में। मैं लगातार इस कार्यक्रम के बारे में सुनता था। जब भीलवाड़ा के शाहपुरा में गवर्नमेंट कॉलेज में नौकरी करता था उस समय भी और बाद में भी, लेकिन सुयोग कभी नहीं बना कभी तिथि नहीं मिली, तो कभी बुलाया नहीं गया। लेकिन मैं आभारी हूं सांवलिया सेठ का कि उन्होंने जो कर्जा दे रखा था, उसका ब्याज वसूल करने के लिए आज अपने नौकर को यहां हाजिरी पर बुलाया। इन्हीं शब्दों के साथ कवि डॉ. कुमार विश्वास ने श्रीसांवलियाजी मंदिर मंडल, मण्डफिया की ओर से सोमवार रात को आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आगाज किया। 
 खुले आसमां के नीचे खचाखच भरे पांडाल में लोग बेसब्री से डॉ. कुमार विश्वास को सुनने का इंतजार कर रहे थे, मानो रात भी थम-सी गई थी। हालांकि कवि सम्मेलन कुछ देरी से शुरू हुआए लेकिन जब शुरू हुआ तो हर कोई कुमार विश्वास के रंग में रंगा नजर आया। 
 
 किसी जन्म में जरूर मेवाड़ में जन्मा हूं

 चित्तौड़गढ़ और मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास को नमन करते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि इस मिट्टी से मुझे बहुत प्रेम है। मैं पुनर्जन्म में विश्वास भी करता हूं और मुझे लगता है कि आज नहीं तो दस-पंद्रह जन्म पहले ईडर से आए हुए एक स्वाभिमानी बिना पिता के तेजस्वी पुत्र ने जिस समय महर्षि हारित से शिक्षा-दीक्षा लेकर 1300 साल पहले इस राजवंश की स्थापना की थी, इन 1300 साल में कभी न कभी मैं यहां जन्मा जरूर होउंगा। अन्यथा ऐसा क्या है कि मैं मेवाड़ से गुजरता हूं, तो आंखों से आंसू झरते हैं। 

 
मेवाड़ के कण-कण में शौर्य बसता है

चित्तौड़गढ़ के भग्नावशेष, कुंभलगंढ की ये दीवारें इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि ये वास्तुशिल्प का अद्भुत नमूना है। कीर्तिस्तंभ के नीचे खडे़ होकर कल मेरी आंख में आंसू इसलिए भी थे कि दुनिया में यह इकलौती जमीन है, जहां हमारी मांओं के जौहर से खाली हुई जमीन में 32 फीट नीचे भी इस वंश का और इस धरती का शौर्य गूंजता हैए और कीर्तिस्तंभ के आखिरी झरोखे से उड़ता हुआ कबूतर भी पंख फैलाकर उड़ता है। 
 
देर रात तक यूं चला कविताओं को दौर

 कवि सम्मेलन की शुरुआत में प्रतापगढ़ के कवि पार्थ नवीन ने पैरोड़ी के माध्यम से समाज, राजनीति और रिश्तों की विसंगतियों को बताते हुए गुदगुदाया। लखनऊ के कवि प्रख्यात मिश्रा ने वीर रस की कविता राम वही जो जुगूनू को दिनमान बनाने वाले हैं, राम वही जो शबरी को सम्मान दिलाने वाले हैं..राम वही जो भारत की पहचान बनाने वाले हैं, पर खूब तालियां बटोरी। मेवाड़ के आत्मसम्मान और स्वाभिमान पर केंद्रित वीरों की यह माटी याद आए, जब यह हल्दीघाटी आए... को भी श्रोताओं ने खूब सराहा। कवि राजकुमार बादल ने राजस्थानी लोकसंस्कृति और मेवाड़ी बोली की मिठास में भीगी कविताओं से युवा श्रोताओं का दिल जीत लिया। ईटावा से आई युवा कवयित्री योगिता चौहान ने सुरीले अंदाज में प्रेम, विरह और भक्ति रस की कविता भाता नहीं है मुझको यह दर्पण तेरे बगैर, मैं तो एक गीत हूं, गुनगुना ले मुझे प्रस्तुत की। मुंबई के कवि दिनेश बावरा, केकड़ी के अशोक चारण और अजमेर के रासबिहारी गौड ने अपनी कविताओं में जीवन के मुख्तलिफ रंगों को प्रस्तुत कर श्रोताओं का मन मोह लिया। मंच संचालन जलज जॉनी ने किया। बीच-बीच में कुमार विश्वास की समसामयिक घटनाओं और वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर ली गई चुटकियों ने खूब गुदगुदाया। 

 अगर राधा पुकारेगी तो फिर घनश्याम आएगा

कवि डॉ कुमार विश्वास ने अपनी प्रसिद्ध रचना ष् कोई दीवाना कहता है...पर जोरदार तालियां बटोरीं. "मैं अपने गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूं, उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं। हवा का काम है चलना, दीये का काम है जलना, वो अपना काम करती है, मैं अपना काम करता हूं।" इसी कड़ी में "जिंदगी से लड़ा हूं तुम्हारे बिनाए हाशिये पर पड़ा हूं तुम्हारे बिना..." के माध्यम से अपनी जिंदगी की दास्तां सुनाई तो देर तक पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।      
 
 श्रीसांवलिया मंदिर मंडल ने किया कवियों का स्वागत

इससे पहले श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल, मण्डफिया के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर, मंदिर मंडल के सभी सदस्यगण, जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल, पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत, सांवलिया मंदिर मंडल के सीईओ गितेश श्रीमालवीय, कपासन प्रधान भैरूलाल चौधरी आदि ने दीप प्रज्वलन कर अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। मंडल अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर ने राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत का स्वागत किया। इस दौरान कवि डॉ. कुमार विश्वास ने राज्य मंत्री जाड़ावत की सादगी की प्रशंसा की।
 जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल और पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत भी पूरे कवि सम्मेलन के दौरान उपस्थित रहे और कई मौकों पर कवियों की दाद देते नजर आए। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सिंह सांदू, भदेसर उपखण्ड अधिकारी अंजू शर्मा सहित अन्य अधिकारी, पार्षदगण और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

Reporter:- Durgesh Kumar Lakshkar
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